शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

इंटरनेट के इस्तेमाल में सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी










यह सच है कि आज का दौर पूरी तरह आधुनिक बनने की कोशिश में तेजी से दौड़ रहा है! वक्त और फासलों की दूरियां बहुत कम हो गई है। इंटरनेट ने वह सब कुछ लगभग हमारे लिए आसान कर दिया है जो कभी असंभव होने जैसा लगता था। पलक झपकते ही अपने कम्प्यूटर या मोबाइल फोन की स्क्रीन पर दुनिया के किसी भी देश, स्थान और वहां के बारे में काफी हद तक सही और सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


लालच बनाम दुरुपयोग

जिस तरह किसी भी चीज के दो पहलू होते है उसी तरह इंटरनेट से मिलने वाली सहूलियत के भी दो रूप हैं, एक बेहद लाभकारी और दूसरा हद दर्जे का नुकसानदायक और कभी कभी बेहद खतरनाक जो हमे मुसीबत में डाल सकता है, हमसे हमारा बहुत कुछ छीन सकता है और कंगाल तक बना सकता है।
सब से पहले यह जानना जरूरी है कि इंटरनेट से मोबाइल फोन के जरिए किस तरह किसी के साथ भी धोखाधड़ी, बेईमानी, जालसाजी और लूटपाट की जा सकती है।


यह भी समझना आवश्यक है कि हमारे अंदर जो लालच नामक शत्रु छिपा रहता है, वही अक्सर उजागर होकर हम पर इस प्रकार काबू कर लेता है कि कितने भी हम समझदार होने का दावा करें, बेबस हो ही जाते हैं और जब तक हमें अपने नुकसान होने का पता चलता है तब तक आम तौर से बहुत देर हो चुकी होती है और हमारे पास ज्यादातर हाथ मलने के सिवाय और अपने नुकसान पर शोक करने के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं बचता।


इंटरनेट के गलत इस्तेमाल से या उससे किसी को अपने चंगुल में फंसाने के तरीकों में जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं, उनमें फिशिंग, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, बैंक खातों में चोरी से रकम निकालने, ऑनलाइन खरीदारी के जरिए चूना लगाने जैसी वारदातों से लेकर वायरस से फोन और कंप्यूटर तक में सेंध लगाकर उनका डाटा चोरी कर उन्हें जाम करने तक के कारनामे शामिल हैं।


इसके जरिए मनी लॉन्ड्रिंग यानी गैरकानूनी तरीके से देसी विदेशी मुद्रा का अनैतिक और किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को चैपट करने का व्यापार भी किए जाने के अनेकों उदाहरण अक्सर सामने आते रहते हैं।


तरीके क्या है?

ईमेल, फेसबुक, मैसेंजर और इसी तरह के दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए आपके साथ चालबाजी कैसे हो सकती है, इसके कुछ उदाहरण देने से बात आसानी से समझ में आ सकती है।


आपके पास अधिकतर मामलों में किसी अन्य देश से किसी महिला जो असली और बहुरूपिए के भेष में कोई पुरुष भी हो सकता है, उसकी तरफ से आपके फोन या मेल पर मैसेज आता है कि उसके पास जो करोड़ों की दौलत है, उसे वह भारत में निवेश करना चाहता है और उसके लिए किसी भारतीय को अपना साझेदार या भारी भरकम वेतन और कमीशन पर नियुक्त करना चाहता है।


निवेश कैसे और किस चीज में होगा तो उधर से जवाब आएगा कि अंबानी, टाटा, बिरला की तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर होगा जिसमें इंडस्ट्रियल यूनिट, माल, ट्रेडिंग से लेकर बहुत कुछ होगा और कहा जाएगा कि इस काम के लिए आपसे बेहतर और विश्वसनीय व्यक्ति भारत में और कोई नहीं है, इसलिए यह सब काम जो बहुत जिम्मेदारी का है, आपको करने के लिए सौंपना है और इसके लिए जल्दी ही वह अपनी टेक्निकल टीम के साथ इंडिया आ रही है।


आपके सहमति देते ही मैसेज आयेगा कि टीम के रहने के लिए किसी फाइव स्टार होटल में इंतजाम करना होगा और उसकी बुकिंग का पैसा उसके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके बाद आपके बैंक खाते की डिटेल मांगी जाएगी और जैसे ही आपने दी तो आपको पहला झटका यह लग सकता है कि आपके खाते से रकम निकाली जा चुकी है।


आप समझेंगे कि शायद दूसरी तरफ से होटल बुकिंग का एडवांस दिया गया होगा। अब आप कितने भी मैसेज दें, मेल करें या मैसेंजर या व्हाट्स अप पर फोन लगाएं तो निराशा के अतिरिक्त और कुछ नहीं हाथ नहीं लगेगा।


एक और तरीका यह आजमाया जाता है कि वह महिला  भारत के किसी एयरपोर्ट पर पहुंचने की सूचना देगी और मैसेज आयेगा कि उसे एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है क्योंकि वह अपने कुछ जरूरी कागजात जल्दबाजी में लाना भूल गई है। यहां अधिकारी कह रहे हैं कि कोई मेरी जमानत ले ले और उसके लिए कुछ रकम जमा करानी होगी तो वह आप जमा करा दें और वह बाहर आते ही आपको दे देगी।



यह भी कहा जा सकता है कि वह अपने साथ डॉलर लायी है जो आपको देने थे लेकिन उनका मूल्य उस सीमा से बहुत ज्यादा है जितना वह कानूनी रूप से ला सकती थी। आपकी बात कस्टम अधिकारी से भी कराई जा सकती है जो असली भी हो सकता है पर ज्यादातर नकली होता है।


असली हुआ तो कहेगा कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है और इन मैडम के पास कई लाख डॉलर है, अगर आप इनकी जमानत लेते हैं और सरकारी खाते में जरूरी फीस की रकम जमा करा देते हैं तो इन्हें छोड़ दिया जाएगा, वरना यहां डिटेंशन सेंटर में रखकर इनके देश से संपर्क कर डिपोर्ट कर दिया जाएगा। अगर नकली है तो आप विश्वास कर लेंगे और जो कहा गया है, उसके मुताबिक कदम उठा लेंगे।


ऐसे में अगर आप लालच और झांसे में आ गए तो वह तो छूट जाएगी और यहां जो असल में गैर कानूनी काम करने आई है, करेगी और आप जिदंगी भर अदालतों के चक्कर काट सकते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग में जेल की हवा भी खा सकते हैं।


आपको भरमाने के लिए कोई विदेशी महिला आपके साथ भारत घूमने, साथ वक्त बिताने से लेकर शादी करने और घर  बसाने तक की पेशकश कर सकती है।

आपके हां करते ही इस बात की गारंटी है कि आपके रुपए पैसे से लेकर आपकी सुख शांति तक आपसे छिन सकती है। सामाजिक और पारिवारिक जीवन बर्बाद हो सकता है और यही नहीं किसी ऐसी मुसीबत में फंस सकते हैं जिसके लिए जीवन भर पछताने के अतरिक्त और कोई रास्ता शायद ही बचे।
इंटरनेट से हैकिंग, स्टॉकिंग, अनधिकृत डाउनलोडिंग, जासूसी, बच्चों के अपहरण से लेकर आतंकवादी गतिविधियों तक को अंजाम दिया जा सकता है।



इन सब को करने के लिए कंप्यूटर और नेटवर्क ऐसे हथियार हैं जिनका निशाना तो अचूक होता ही है, इनका इस्तेमाल करने वाले को पकड़ना तो दूर उसकी पहचान कर पाना भी टेढ़ी खीर है। इसका एक उदाहरण यह है कि आपके मेल बॉक्स में इतनी बड़ी संख्या और गति से मेल भेजे जाते हैं कि अच्छी खासी स्पीड रखने वाले उपकरण या नेटवर्किंग इंटरनेट की भाषा में ट्रैफिक जाम का शिकार हो जाते हैं।


व्हाट्सअप जैसे उपयोगी साधन का दुरुपयोग गुमराह करने, अस्तव्यस्ता फैलाने से लेकर आंदोलन और दंगा फसाद कराने तक में किया जाता है और यह बात प्रशासन या सरकार की जानकारी में भी जल्दी ही आ जाती है लेकिन इसकी काट करने का फार्मूला अभी तक नहीं निकल पाया है और न ही इसे रोका जा सकता है सिवाय यह करने के कि उस जगह इंटरनेट सेवाएं ही पूरी तरह बंद कर दी जाएं और यह कदम आज के दौर में फायदे की जगह नुकसान ही अधिक करता है क्योंकि इससे जनजीवन तो बिखर ही जाता है, साथ में शिक्षा से लेकर रोजगार और  व्यापार तक पर जबरदस्त गलत असर पड़ता है।


आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियों के सुचारू रूप से चलने में रुकावट आती है और एक तरह से बंदिशों से भरी दिनचर्या हो जाती है।


क्या हो सकता है?


सबसे पहले तो शुरुआत अपने से इस वायदे के साथ करनी होगी कि लालच को अपने नजदीक न आने दें और किसी भी प्रलोभन को स्वीकार करने से पहले उस व्यक्ति या जो पेशकश  गई है, उसकी भली भांति जाँच कर लें और जब पूरी तरह भरोसा हो जाए तब ही किसी मैसेज, मेल का जवाब दें, किसी भी हालत में अंजान व्यक्ति को अपने खाते, क्रेडिट या डेबिट कार्ड, ओटीपी या किसी और तरह की गोपनीय जानकारी न दें जिससे आपको लगता हो कि यह धोखा देने की समझबूझ कर चली गई चाल हो सकती हो।


हो सकता है इतनी सावधानी बरतने पर आपके हाथ से कोई मुनाफे का काम निकल जाए लेकिन इतना ध्यान रखें कि कहीं यह कहावत सच न हो जाए ‘सावधानी हटी और दुर्घटना घटी‘।


इसके अतिरिक्त सरकार को इतना तो करना ही चाहिए कि वह साइबर सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सभी उपलब्ध माध्यमों के जरिए प्रचार प्रसार करे। इतना होने पर भी यदि कोई अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारता है तो उसका तो कोई इलाज ही नहीं है।


(भारत)

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